दईजर के सुरेंद्र फुलवारिया ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेंट की नक्काशीदार कलात्मक चांदी की जूती, संत आत्माराम लक्ष्य पर बनने वाले पैनोरमा में होगी प्रदर्शित
जोधपुर। राजधानी जयपुर में आयोजित अखिल भारतीय रैगर महासभा के प्रतिनिधि सम्मेलन के अवसर पर जोधपुर की पारंपरिक चांदी नक्काशी कला को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली। जोधपुर के दईजर गांव के प्रसिद्ध कारीगर स्व. मेघाराम फुलवारिया के पुश्तैनी शिल्प को उनके पुत्र सुरेंद्र फुलवारिया ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को चांदी की नक्काशीदार कलात्मक जूती भेंट कर गौरवान्वित किया।
रैगर समाज की सांस्कृतिक विरासत
यह जूती केवल एक हस्तशिल्प नहीं, बल्कि रैगर समाज की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक हुनर और सामाजिक स्वाभिमान की प्रतीक रही है। मंच से ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की कि यह कलात्मक जूती राजस्थान सरकार की ओर से निर्मित होने वाले स्वामी आत्माराम लक्ष्य पैनोरमा में प्रदर्शित की जाएगी। इसके लिए उन्होंने अखिल भारतीय रैगर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएल नवल एवं प्रतिनिधियों को इसकी औपचारिक जिम्मेदारी सौंपी। इस ऐतिहासिक अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएल नवल सहित अनेक राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारी मंच पर उपस्थित रहे।
आत्मबल का प्रेरणास्पद प्रतीक
सुरेंद्र फुलवारिया ने यह विशिष्ट कृति अपने निजी प्रयासों, श्रम और समाज के प्रति समर्पण भाव से तैयार की। यह न केवल उनकी कला का उत्कृष्ट उदाहरण रही, बल्कि रैगर समाज की रचनात्मकता और आत्मबल का प्रेरणास्पद प्रतीक भी बनी। मुख्यमंत्री को जब यह भेंट सौंपी गई, तो सभा में उपस्थित सैकड़ों प्रतिनिधियों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इस योगदान का हर्षपूर्वक स्वागत किया और जोधपुर की कला प्रतिभा को भरपूर सराहा।