
खनन माफिया, ड्रग्स तस्कर, साइबर क्राइम व संगठित अपराध पर लगातार प्रहार कर रहे प्रहार
आईपीएस राजर्षि राज अपराध व अपराधियों को लेकर जबरदस्त मुखर
रोजाना ताबड़तोड़ कार्रवाई कर अपराधियों की कमर तोड़ रहे है। उनका एक ही संदेश है कि ‘अपराधी या तो अपराध से तौबा कर लें अन्यथा शहर छोड़े दें।’
-डॉ. सुरेश खटनावलिया
जोधपुर। ‘फलक को जिद है बिजलियां गिराने की..तो हमें भी जिद है आशियां वहीं बनाने की… शाखों से टूट जाएं वो पत्ते नहीं हैं हम,आंधियों से कह दो के औकात में रहे..।’ ‘वो खुद ही तय करते हैं मंजिल आसमानों की, परिंदों को नहीं दी जाती तालीम उड़ानों की, रखते हैं जो हौंसला आसमां छूने का, उनको नहीं परवाह कभी गिर जाने की…।’ जोश, जुनून और हौंसलों से लबरेज कुछ ऐसे ही फलसफे का नाम है राजर्षि राज, जिन्होंने न केवल सफलता की एक नई इबारत लिखी बल्कि पुलिस के ‘अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास’ के शूक्त वाक्य को अपनी कार्यशैली में अंगीकार कर लॉ एंड अॉर्डर की स्थिति बनायें रखने, अपराधियों को कानून सम्मत सजा तथा पीड़ितों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका का निर्वाह किया है।
राजर्षि की पहचान एक ऐसे सुपर कॉप के रूप में भी जगजाहिर है जिनके नाम से ही अपराधियों में खौफ पैदा हो जाता है। लेकिन व्यक्तिगत रूप से उन्हें देखने पर नहीं लगता कि वे सख्त हैं। वे एक ऋषि की तरह सरल, सौम्य और सादगी पंसद इंसान है। मीठी आवाज और चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखने वाले जिंदादिली की मिसाल राजर्षि को आदिनांक जो भी दायित्व सौंपा गया, उसे पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया और यही कारण है कि उन्होंने हर स्तर पर अपने आप को बेहतरीन साबित करते हुए कबीर की ‘कथनी थोथी जगत में करनी उत्तम सार’उक्ति को बखूबी चरितार्थ किया है। वर्तमान में जोधपुर पश्चिम के कप्तान की जिम्मेदारी सम्भाल रहे राजर्षि ने जोधुपर में ज्वाइनिंग के पहले दिन से ही अपने इरादे जाहिर कर दिए थे कि वे अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्सने के मूड़ में नहीं है। खनन माफिया, ड्रग्स तस्कर, साइबर क्राइम व संगठित अपराध पर लगातार प्रहार कर रहे आईपीएस राजर्षि राज अपराध व अपराधियों को लेकर जबरदस्त मुखर है…वे रोजाना ताबड़तोड़ कार्रवाई कर अपराधियों की कमर तोड़ रहे है। उनका एक ही संदेश है कि अपराधी या तो अपराध से तौबा कर लें अन्यथा जोधपुर छोड़े दें।
आगाज-ए-सफर
बिहार प्रांत के पटना हाल झारखंड राज्य के रांची निवासी विश्वरंजन व रूबी के परिवार में 13 अगस्त 1988 मे जन्में राजर्षि राज बाल्यकाल से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रहे हैं। पटना व रांची में स्कूलिंग पूरी करने के बाद किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर जेवियर इंस्टीट्यूट of मैनेजमेंट भुवनेश्वर से एमबीए किया। तत्पश्चात प्राइवेट सेक्टर में नौकरी ज्वॉइन की। वर्ष 2013 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। परिणामत: इंडियन audit एंड एकाउंट सर्विस में चयन हुआ। सर्विस में रहते हुए अगले टर्म में फिर यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार इंडियन रिवेन्यू सर्विस में चयन हुआ लेकिन सर्विस ज्वॉइन नहीं की। वर्ष 2016 के एग्जाम व 2017 के बैच में फाइनली भारतीय पुलिस सेवा में सलेक्शन हो गया।
उम्मीदों को पंख
राजर्षि ने देश की सबसे मुश्किल कहीं जाने वाली यूपीएससी परीक्षा को तीन बार क्रैक किया। तीसरे अटैम्प में भारतीय पुलिस में चयनित होकर उन्होंने बता दिया कि सफलता का एक ही पैमाना है और वह हैं कठिन परिश्रम। अगर व्यक्ति अपने सपनों के अक्स को धरातल के कैनवास पर उकेरना चाहता है तो उसके सामने सिर्फ कठिन परिश्रम व लक्ष्य के प्रति समर्पण ही एक मात्र रास्ता है। कहते भी हैं कि ‘जब सपने यथार्थ की जमीं पर कदम रखते हैं तो धरती-आसमां खुशी से झूमने लगते हैं। सफलता के लिए उसकी कामना ही नहीं दृढ़ संकल्प भी मायने रखता है। यदि ये दोनों साथ जुड़ जाए तो इंसान की पहचान सूर्य की रश्मियों की तरह खुद-ब-खुद जन-जन तक पहुंच जाती है।’ इसी दृढ़ संकल्प व कठोर परिश्रम के बूते अपने सपनों के अक्स को धरातल के कैनवास पर उकरते देख वे काफी प्रफुल्लित हुई। केवल वे ही नहीं उनके पिता सहित पूरे परिवार को गर्व हुआ कि उनका बेटा अब भारतीय पुलिस का इकबाल बुलंद करेगा। ट्रेनिंग के बाद राजर्षि ने जब खाकी धारण कि तो माता-पिता के गर्व का ठिकाना नहीं रहा कि अब उनके लाड़ले के कंधों पर वे सितारे जगमगा रहे जिनका उन्हें शिद्दत से इंतजार था।
सर्विस प्रोफाइल
पुलिस एकेडमी हैदराबाद में ट्रैनिंग के बाद उदयपुर में छह माह का प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात राजर्षि राज को वर्ष 2020 में बांसवाड़ा में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक पहली पोस्टिंग मिली। करीब छह माह इस पद पर सेवाएं देने के बाद जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में एडिशनल डीसीपी ईस्ट के पद पर नियुक्ति मिली। वर्ष 2021 में राज्यपाल के परिसहायक बने। 13 फरवरी 2023 को टोंक जिले की कमान मिली तथा यहां करीब एक साल यानि 14 फरवरी 2024 तक बतौर पुलिस अधीक्षक सराहनीय सेवाएं दी। 22 फरवरी 2024 को झूंझूनु जिले के पुलिस अधीक्षक बनें। यहां करीब छह माह के कार्यकाल में कई संगठित अपराध गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाईयों को अंजाम देकर न केवल पुलिस का इकबाल बुलंद किया वरन आमजन में कानून का भरोसा मजबूत किया। 16 अगस्त 2024 को जोधपुर में पदस्थापन्न हुआ। यहां वे डीसीपी पश्चिम की जिम्मेदारी बखूबी सम्भालते हुए कई अपरेशंस को अजांमित कर नशा माफिया, खनन माफिया व बड़े अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा रहे हैं।
जागरूकता की अलख, अपराध पर अंकुश
जयपुर में एडीसीपी कार्यकाल के दौरान राजर्षि राज के सामने कई चैलेंजिग कैसेज आए जिन्हें उन्होंने अपनी सूझबूझ व कुशाग्रता से सुलझाकर मुल्जिमों को उनके अंजाम तक पहुंचाया। ऐसे ही एक चैलेंजिंग केस को याद करते हुए वे बताते हैं कि बस्सी क्षेत्र में एक ब्लाइंड मर्डर हुआ। जिसमें युवती का शव जंगल में मिला था। प्रथम दृष्टया देखकर ही पता लग गया कि रेप के बाद नृशंस तरीके से युवती की हत्या की गई है। मुल्जिम तक पहुंचने को कोई सुराग नहीं था। टेक्नीकल विश्लेषण के आधार पर एरिया का वीटीएस निकाला तथा 300-400 लोगों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए तथा मुल्जिम को जेल तक पहुंचाया। इसी तरह टोंक में जब वे एसपी थे तो कई चुनौतीपूर्ण मामले सामने आए। एक मामले में एक मंदिर के पुजारी की हत्या कर दी गई थी। हत्यारे तक पहुंचने का कोई साक्ष्य नहीं मिल रहा था। साक्ष्य जुटाने को तकनीक का इस्तेमाल किया। संदिग्धों पॉलीग्राम टेस्ट करवाया। करीब चार-पांच महीने बाद मामले का खुलासा करने में सफल हुए। झूंझूनु में पुलिस कप्तान रहते हुए राजर्षि ने संगठित अपराध पर कार्रवाई कर कई गैंगस्टर्स को सलाखों के पीछे पहुंचाया। टोंक जिले की कमान सम्भालते हुए भी मालपुरा जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्र में कभी भी साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ने नहीं दिया। यहां उन्होंने ‘मिशन सद्भावना’ चलाकर नुक्कYड नाटकों व विभिन्न प्रलापों के माध्यम से लोगों में शांति व सद्भाव बनाए रखा। कई बार कुछ साम्प्रदायिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने के कुत्सित प्रयास किए लेकिन अपनी सूझबूझ व त्वरित एक्शन से उनके मंसूबे नाकाम किए।
जोधपुर में अवैध खनन, नशा व साइबर क्राइम पर प्रहार
अगस्त 2024 को राजर्षि राज ने जोधपुर कमिश्नरेट के अति महत्वपूर्ण जिला जोधपुर पश्चिम की कमान सम्भाली। यहां ज्वाइनिंग के पहले दिन ही इन्होंने अपने मंसूबे जता दिए थे। वे खनन माफिया, ड्रग्स तस्कर, साइबर क्राइम व संगठित अपराध पर जबरदस्त प्रहार कर रहे हैं। रोजाना ताबड़तोड़ कार्रवाई कर अपराधियों की कमर तोड़ रहे है। उनका एक ही संदेश है कि अपराधी या तो अपराध से तौबा कर लें अन्यथा जोधपुर छोड़े दें। वे बताते हैं कि उनका क्षेत्राधिकार काफी चुनौतीपूर्ण है। ड्रग्स व अवैध खनन को लेकर तीन महीने से मिशन संकल्प चला रहे हैं। इसमें काफी कार्य किया है। पिछले तीन महीने में 42 प्रकरण दर्ज किए है। दो करोड़ रूYपए की नशे की सामग्री जब्त की है। ड्रग्स का धंधा करने वाले तस्करों की आर्थिक कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे अपराधियों की तीन माह में साढ़े चार करोड़ की सम्पत्ति फ्रीज करवाई है। ड्रग्स कंट्रोलर के साथ मिलकर नशे की दवाइयां बेचने वाले दुकानदारों के लाइसेंस निरस्त करवाए हैं। एनसीबी के साथ निरंतर सम्पर्क में रहकर कई बड़ी कार्रवाईयों को अंजामित किया है।
राजर्षि बताते हैं कि वे 360 डिग्री एप्रोच लेकर नशे के तस्करों को टारगेट कर रहे है वहीं जो पीड़ित है उनको रिहिबिलेट कर उनकी काउंसलिंग भी करवा रहे हैं। छोटे लेवल के सप्लाइयर की थाना लेवल पर सूची बनाकर उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई कर रहे है ताकि स्पलाई चैन बै्रक हो सकें। अवैध खनन रोकने के लिए पश्चिम जिले में जहां पर ट्रैक्टर व डम्पर का मूवमेंट होता है वहां18 नाके लगाकर 110 से ज्यादा का जाप्ता डिप्लोई किया है। साथ ही ड्रोन से सर्विलांस कर जहां-जहां अवैध बजरी का स्टॉक्स है उनको चिह्नित कर 3500 टन बजरी डिस्ट्राई करवाई है। अॉफिस लेवल पर विशेष टीम का गठन किया है जो डीएसटी टीम के साथ मिलकर कार्य कर रही है। ‘मिशन संकल्प’ के तहत डीएसटी टीम ने काफी अच्छा कार्य किया है। टॉप टेन मोस्ट वांटेड से आठ अपराधियों को दस्तयाब करने में कामयाबी हासिल की है। इसी तरह 5 ईनामी बदमाशों को भी दबोचा है। साइबर क्राइम को लेकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रहे हैं। डीसीपी वेस्ट अॉफिस में साइबर क्राइम रेस्पॉन्स सेल बना रखी है। यह सेल जन-जागरूYकता अभियान तो चलाती ही है साथ ही क्रिमिनल्स द्वारा अपनाए जा रहे साइबर फ्रॉड के तरीकों से लोगों को अवगत करवाकर उन्हें सावधान कर रही है। जनवरी में ‘अॉपरेशन साइबर शील्ड’ में काफी प्रभावी कार्रवाई की। दो फर्जी कॉल सेंटर, एक ब्लैकमेल गिरोह को पकड़ा है। बंगाल से भी आरोपियों को दस्तयाब कर सलाखों के पीछे भेजा है। साइबर फ्रॉड की करीब चार करोड़ रूYपए की राशि रिकवर करवाई है।
पत्नी भी आईपीएस

राजर्षि बताते हैं कि उनके पिता विश्वरंजन कॉल इंडिया लिमिटेड में अधिकारी रहे हैं व माता रूबी गृहिणी है, जिनका उनके जीवन पर गहरा प्रभाव है। वे दो भाई-बहिन है। बहिन नोएडा में सैटल्ड है। पत्नी शैफाली भी भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी है जो वर्तमान में गुजरात के अरावली जिले में बतौर पुलिस अधीक्षक जिम्मेदारी सम्भाल रही है। शैफाली से उनकी शादी 19 नवम्बर 2018 को हुई। एक प्यारी सी पुत्री हर्षिका है भी जो सबकी लाड़ली है।
संदेश
राजर्षि का यूथ को संदेश है कि वे अपना रोल मॉडल सोच समझकर चुने। सोशल मीडिया की चकाचौंध देखकर किसी भी अपराधी को अपना रोल मॉडल न बनाएं। रॉल मॉडल ऐसे व्यक्ति को बनाएं जिसने अपने फील्ड में बेहतरीन कार्य किए हैं। युवा नशे से हमेशा दूर रहे हैं। नशा व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देता है। एक बार नशे के आदी होने के बाद इसके चंगुल से निकलना बहुत ही मुश्किल होता है। इससे न केवल आर्थिक हानि होती है बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा व मां-बाप को भी आघात पहुंचता है। राजर्षि बताते हैं कि आपके आसपास कोई नशे का व्यापार या संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त है तो वे 8764519202 पर कॉल करें। जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। यह नम्बर वे स्वयं संचालित करते हैं।
आंतरिक सुरक्षा पर लिखी पुस्तक ‘इंटरनल सिक्योरिटी’

डीसीपी राजर्षि वर्मा ने अपने ड्यूटी वक्त में रहते नाम की एक पुस्तक लिखी, जो इसी साल जून में पब्लिश हुई। डीसीपी राज ऋषि वर्मा ने यह पुस्तक राज्यपाल कलराज मिश्र के एडीसीपी के पद पर रहते हुए लिखी। बता दें कि आज इस पुस्तक से यूपीएससी परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों के लिए यह टिप्स काम आ रहे हैं। डीसीपी राजर्षि वर्मा ने बताया कि जब मैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, उस वक्तY मुझे भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा और इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने ये पुस्तक लिखी, इस पुस्तक को लिखने के लिए तकरीबन डेढ़ से दो वर्ष लगे, उन्होंने बताया कि यह पुस्तक मैं भारत के आंतरिक सुरक्षा को लेकर लिखी है। राजर्षि वर्मा ने बताया कि जब भी मुझे टाइम मिलता था तब यह पुस्तक लिखा करता था। इस पुस्तक से प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। सभी तरह की छात्रों को आसानी से यह पुस्तक उपलब्ध हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि भारत का आंतरिक सुरक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक है। इस पुस्तक में सारे ज्वलंत मुद्दे को छुआ हुआ है। इस पुस्तक में जम्मू एंड कश्मीर मिलनटेन्सी हो, या फिर इमरजेंसी हो या नक्सलिज्म हो टेररिज्म हो साइबर क्राइम हो इन सारे चैप्टर को हमने लिया है। मैनेजमेंट को भी अलग से कवर किया है। और प्रयास यह है कि प्रतियोगिता परीक्षा में तैयारी कर रहे छात्रों को भारत की सुरक्षा स्थिति को समझना चाहता है क्या समस्याएं हैं। इस पुस्तक से वह आसानी से समझ सकते हैं कोई भी व्यक्ति इस टॉपिक को समझना चाहते हैं तो आसानी से इस पुस्तक से समझ सकते हैं।